Monday 4 June 2012

इस दुनियां का सच…


हमने एक कहानी बनाई,
उसको इतनी दफे सुनाई,
कि अब हकीकत,
झूठ लगे है.
और कहानी,
लगती है सच्ची…
इस दुनियां में,
सच क्या है?
और, झूठ क्या??
जिस सच को,
दबा और कुचल दिया जाता है,
वो झूठ!
और जिस झूठ को,
बढा-चढाकर और
कहानियों में गूंथकर सुनाया जाता है,
वही होता है, इस दुनियां का,
अन्तिम और अकाट्य,
सत्य!!
दबे-कुचले होते हैं, गरीब!
और जिनकी कहानियां होती हैं,
वो होते हैं अमीर!!
इस दुनियां का,
बस इतना सच है,
ये दुनियां,
बस इतनी ही सच्ची!!!

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