Monday 11 June 2012

बेहतर कई आए गये...


जिन्दगी की राह में, हमसफर कई आए गये.
हम अभी तक हैं वहीं, मंजर कई आए गये.. 
एक वही आया नहीं, आने का अहद जो कर गया.
वगरना दोस्त-औ-अदूं, इधर कई आए गये..
जिन्दगी में गम का कोहराम है कुछ इस कदर.
कि रात है बस रात है, सहर कई आए गये..
हर कोई समझे है बेहतर, जाने क्यों अपने आप को.
पर सच है 'श्वेत' कि यहाँ, बेहतर कई आए गये..

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