Wednesday 1 January 2014

गए साल की तरह....

गये वक़्त ने हमें, हँसाया भी-रूलाया भी,
जो गिरे कभी, तो बढ़कर हमें उठाया भी।
सोच को रोज एक नया आयाम दिया,
थक गए जो, तो गोद में अपने आराम दिया।
अब ये वक़्त कुछ नया ले के आएगा,
पलकें अपनी सभी की राह में बिछाएगा।
है नया साल अपने वक़्त को पकड़ लीजै,
जो हैं अपने बढ़के दामन उनका थाम लीजै
ये ना रुकता है, जो आज है तो कल नहीं होगा,
गए साल की तरह नया साल भी कल नहीं होगा।।

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